“खत्रीनामा” केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि खत्री समाज के गौरव, संघर्ष और परंपराओं की जीवंत अभिव्यक्ति है। यह एक महायात्रा है – अपनी जड़ों की तलाश की, अपने इतिहास को पहचानने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की।
                    
                    
                                                                        ✦ ✦ समाज का ऐतिहासिक और वर्तमान योगदान
                            
                            
                            खत्री समाज ने इतिहास में गौरवशाली योगदान दिया है – शिक्षा, व्यापार, प्रशासन, सेवा, और धर्म के क्षेत्र में अद्वितीय भूमिका निभाई है। आज भी यह समाज सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। लेकिन समय के साथ इसके योगदान को वह सम्मान नहीं मिला जिसका वह सच्चा हकदार था।
                                                    ✦ ✦ एक संकल्प – अपनी जड़ों की ओर लौटने का
                            
                            
                            इन्हीं विचारों को केंद्र में रखते हुए हरीश पंकज खरबन्दा ने शुरू किया एक विशिष्ट सफर – "खत्रीनामा – सफर सदियों का, संघर्ष अपनों का"। यह सिर्फ लेखन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है – बुजुर्गों के अनुभवों, स्वर्णिम अतीत और समाज की सामूहिक स्मृति को जोड़ने का प्रयास।
                                                    ✦ ✦ हरियाणा से देशभर तक का समाजिक अभियान
                            
                            
                            हरीश पंकज खरबन्दा ने युवावस्था से ही खत्री समाज को संगठित करने की दिशा में कार्य आरंभ किया। आज वे हरियाणा से लेकर देशभर के विभिन्न राज्यों तक इस मिशन को लेकर सक्रिय हैं, और उनके साथ जुड़ी है एक समर्पित टीम जो इस उद्देश्य को और आगे बढ़ा रही है।
                                                    ✦ ✦ धार्मिक चेतना और परंपरा का संगम
                            
                            
                            यह यात्रा केवल सामाजिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। मां हिंगलाज, मां भवानी और गुरू साहेबान का स्मरण करते हुए यह मिशन परंपरा और चेतना का संगम बन चुका है।
                                                    ✦ ✦ "खत्रीनामा" – सिर्फ पुस्तक नहीं, पहचान की पुकार
                            
                            
                            यह दस्तावेज़ हमारे अस्तित्व की जड़ों से जुड़ने, हमारे पूर्वजों की विरासत को जानने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए गर्व से साझा करने का माध्यम है।
                                                    ✦ ✦ हमारी संस्कृति – हमारी असली शक्ति
                            
                            
                            खत्री समाज की भाषा, वेशभूषा, उत्सव, धार्मिक आस्थाएं और पारिवारिक परंपराएं – यह सब हमें एक विशिष्ट पहचान देते हैं। "खत्रीनामा" इन्हीं पहलुओं को सहेजते हुए एक सांस्कृतिक विरासत का निर्माण कर रहा है।
                                                    ✦ ✦ भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर
                            
                            
                            युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और इतिहास से जोड़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। "खत्रीनामा" उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है।
                                                    ✦ ✦ नारीशक्ति – खत्री समाज की रीढ़
                            
                            
                            खत्री स्त्रियों ने हर युग में समाज और परिवार के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। उनकी प्रेरणादायक कहानियां "खत्रीनामा" का अहम हिस्सा हैं।
                                                    ✦ ✦ गौरवशाली व्यक्तित्व – जिनसे रोशन हुआ समाज
                            
                            
                            "खत्रीनामा" में उन महान व्यक्तित्वों का उल्लेख होगा जिन्होंने खत्री समाज को दिशा और सम्मान दिया – स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, शिक्षक, व्यापारी और प्रशासक।
                                                    ✦ ✦ डिजिटल युग में खत्री समाज का संगठन
                            
                            
                            अब समय है खत्री समाज को तकनीक के साथ जोड़ने का – वेबसाइट, सोशल मीडिया, ऑनलाइन मीटिंग्स और डिजिटल आर्काइव के ज़रिए हम हर खत्री तक पहुंच बना रहे हैं।
                                                    ✦ ✦ "खत्रीनामा" को बनाएं अपनी आवाज
                            
                            
                            आपके अनुभव, संस्मरण, परिवार की कहानियाँ – सब "खत्रीनामा" का हिस्सा बन सकती हैं। आइए, इस महायज्ञ में सहभागी बनें और खत्री समाज को एक सशक्त, संगठित और गौरवशाली दिशा दें।
                                            
                    
                    
                        गर्व करें कि हमारे बुजुर्ग महान थे,
                        गर्व करें कि हमारी नई पीढ़ी दुनिया में कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
                        गर्व से कहो – हम खत्री हैं!